मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

मूक प्राणी भी कम संवेदनशील नहीं होते हैं, उन्हें भी स्नेह की अनुभूति होती है। इस पाठ में रवींद्रनाथ जी के कुत्ते और एक मैना के कुछ प्रसंगों से ये बात स्पष्ट हो जाती है-

- जब गुरुदेव श्रीनिकेतन के तिमंजिले भवन में रहने चले जाते हैं तो उनका कुत्ता भी उन्हें खोजते-खोजते वहां पहुंच जाता है।


- गुरुदेव के स्पर्श करते ही कुत्ता आंखें बंद कर लेता है और उसे महसूस करने लगता है उस समय ऐसा लगता है मानों उसके अतृप्त मन को उस स्पर्श से तृप्ति मिल गई हो।


- गुरुदेव की मृत्यु के बाद कुत्ता अस्थि कलश के पास कुछ देर उदास बैठा रहता है। वह भी वहां मौजूद लोगों की तरह ही शोक प्रकट करता है।


- इसके अलावा लंगड़ी फुदकती मैना की चाल में लेखक को एक तरह की करुणा दिखाई दे रही थी।


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